दिव्या भारती की जीवन की कहानी – Divya Bharti Biography
Divya Bharti – दिव्या भारती अपने जमाने की प्रमुख भारतीय फिल्म अभिनेत्री थी, इन्होंने 1990 के शुरुआती समय में कई व्यावसायिक रूप से हिंदी और तेलुगु भाषायी फिल्मों में अभिनय किया था। वे बहुत ही थोड़े से समय में स्वयंको 90 के दशक की टॉप अभिनेत्रीयों के बीच स्थापित करने में कामयाब रही।
दिव्या भारती का जन्म बंबई में ओम प्रकाश भारती घर जी के जी के घर में हुआ, इनके पिता बीमा अधिकारी थे और इनकी maata का नाम मीता भारती था। दिव्या भारती के अपने पिता की पहली शादी से हुयी संतान थी उन्हें और एक छोटा भाई कुणाल और एक छोटी बहन पूनम हैं। अपने शुरुआती वर्षों में, दिव्या भारती अपने चुलबुले व्यक्तित्व के लिए जानी जाती थी और सब लोग उन्हें गुड़िया कहते थे।
एक हीरोइन जिसने सबसे कम समय में कामयाबी की वो कहानी लिखी जिसे लिखना तो दूर लिखने की सोचना भी आज के दौर में नामुमकिन है. दिव्या भारती के जन्मदिन के मौके पर हम आपके लिए लेकर आए हैं दिव्या भारती की 25 कहानियां. दिव्या भारती कैसे ग्लैमर की दुनिया में आई...कैसे वो बहुत जल्द बेहद कामयाब हो गईं और फिर कैसे उन्होंने वक्त से बहुत पहले इस दुनिया को अलविदा कह दिया. जानें...
दिव्या भारती की जीवन की कहानी – Divya Bharti Biography
दिव्या भारती करियर – Divya Bharti Career
1. दिव्या भारती का जन्म 25 फरवरी 1974 के सपनों के शहर मुंबई में हुआ था. दिव्या के पापा बीमा कंपनी में काम करते थे और उनकी मम्मी हाउसवाइफ थी. दिव्या अपने माता-पिता की सबसे बड़ी संतान थी. दिव्या का एक छोटा भाई है.2. दिव्या भारती बचपन में इतनी प्यारी लगती थी कि एक बार तो उन्हें किसी ने खिलौने वाली गुड़िया समझ लिया था. (फोटो क्रेडिट- इंस्टाग्राम)
3. दिव्या का मन पढ़ाई लिखाई में नहीं लगता था. वो तो बस दिनभर शरारतें करना चाहती थी और किसी भी तरह पढ़ाई से दूर भागने के बहाने ढूंढती रहती थी. इसीलिए जब 15 साल की उम्र में फिल्म का ऑफर आया तो दिव्या को पढ़ाई छोड़ने का अच्छा बहाना मिल गया.
4. करियर शुरु होने से पहले ही दिव्या को कई झटके लगे. दिव्या को राधा का संगम, आतंक ही आतंक, प्रेम और सौदागर जैसी फिल्मों के लिए साइन तो कर लिया गया लेकिन अलग अलग वजहों से उन्हें इन फिल्मों से निकाल दिया गया. 15 साल की दिव्या के लिए ये सब किसी बड़े झटके से कम नहीं था.
5. फिल्मों से निकाले जाने के बाद भी दिव्या ने हिम्मत नहीं हारी...वो मेहनत करती रही..और आखिरकार 1990 में रिलीज हुई उनकी पहली तेलुगु फिल्म बोबिली राजा इस सुपरहिट फिल्म से दिव्या को वो कायमाबी मिल गई जिसकी तलाश वो दो साल से बड़ी शिद्दत से कर रही थीं.
6. फिर आया साल 1992. वो साल जब दिव्या की जिंदगी बदल गई. इस साल दिव्या की एक नहीं, दो नहीं बल्कि 10 हिंदी फिल्में रिलीज़ हुई और अपने अभिनय से दिव्या ने बॉलीवुड मे अपने हर आलोचक को करारा जवाब दिया. दिव्या आई...और छा गईं.
7. 1992 में तीन हफ्तों में दिव्या की लगातार तीन फिल्म रिलीज़ हुई. शुरुआत हुई फिल्म विश्वात्मा से..., उसके बाद आई दिल का क्या कसूर और फिर गोविंदा के साथ शोला और शबनम जो सुपरहिट रही. तीन अलग फिल्में, तीन अलग किरदार...दिव्या ने हर किसी पर अपना जादू चला दिया था.
8. 1992 में ही रिलीज हुई दिव्या की फिल्म 'दीवाना' जो शाहरुख खान की पहली फिल्म थी.
9. कामयाबी ने दिव्या का पता ढूंढ लिया था...जिस कामयाबी के पीछे वो अब तक भाग रही थी वो कामयाबी अब उनके पीछे भाग रही थी. करियर तो अच्छा चल ही रहा था. अब निजी जिंदगी में भी खुशिया दस्तक दे रही थी. दिव्या की जिंदगी में आ गया था उनका राजकुमार.
10. शोला और शबनम की शूटिंग के दौरान उनकी मुलाकात प्रोड्यूसर साजिद नाडियाडवाला से हुई. दिव्या की जिंदगी में जितनी तेजी से कामयाबी ने दस्तक दी थी उतनी ही तेजी से मोहब्बत ने उनकी जिंदगी में दस्तक दी. साजिद से दिव्या की दोस्ती हुई और ये दोस्त जल्द ही प्यार में बदल गई. और फिर उसी साल दिव्या और साजिद ने शादी भी कर ली.
11. दिव्या ने साजिद से शादी की बात अपने पापा को नहीं बताई थी लेकिन उनकी मां को पता था उनकी बेटी की शादी हो चुकी है.
12. शादी के बाद जहां आमतौर पर हीरोइनों का करियर खत्म हो जाता है वहीं दिव्या उस दौर में भी शादी के बाद कामयाबी की नई नई कहानियां लिख रही थी. वो एक के बाद एक कई फिल्मों की शूटिंग कर रही थी और फिर आया वो दिन जब दिव्या की जिंदगी बदलने वाली थी. वो दिन था 5 अप्रैल 1993.
13. 5 अप्रैल 1993 को जो होने वाला था, ना उस हादसे का अंदाजा किसी को था...और ना उस हादसे को झेलने के लिए कोई तैयार था.
14. 5 अप्रैल, 1993 को दिव्या मुंबई के पाली हिल इलाके में अपने लिए एक घर देखने निकलीं. उनके साथ उनके पिता और भाई कुनाल भी था. दिव्या को घर पसंद आया और फिर वो पास ही में अपने कुछ दोस्तों से मिलने चली गईं. दिव्या के पिता के मुताबिक, मेरे साथ थी सारा दिन पाली हिल...फिर फोन आया...नीता लुल्ला कब से घर में बैठी है डिजाइनर थी.
15. फोन आने के बाद दिव्या अंधेरी में अपने फ्लैट की तरफ निकली जहां उनकी डिजाइनर नीता लुल्ला उनका इंतजार कर रही थीं. अगले दिन दिव्या को एक आउटडोर शूटिंग पर निकलना था. दिव्या के पिता के मुताबिक, हमें साजिद लिफ्ट में मिला. 15 मिनट में टेलीफोन आ गया कि वो गिर गई हैं.
16. उस समय दिव्या के साथ फ्लैट में ड्रेस डिजाइनर नीता लुल्ला, उनके पति मनोचिकित्सक श्याम लुल्ला और दिव्या की नौकरानी थी. उस समय पुलिस को दिए अपने बयान में नीता लुल्ला ने कहा- दिव्या अपने अपार्टमेंट की खिड़की पर बैठी थी, वो हल्के नशे में थीं, मैंने उन्हें खिड़की से उतरकर उससे दूर हटने को कहा लेकिन अगले ही पल मैंने देखा कि वो नीचे जा गिरीं.
17. 5 अप्रैल की रात हुए उस हादसे पूरा देश सन्न रह गया. दिव्या का परिवार और उनके करोड़ों फैन्स के लिए इस हादसे पर यकीन करना बेहद मुश्किल था. पूरी फिल्म इंड्स्ट्री सकते में थी.
18. उस समय दिव्या की मौत से जुड़ी अलग अलग खबरें छपीं. किसी में कहा गया ये एक्सीडेंट है तो किसी ने इसे आत्महत्या बताया. कई लोगों ने हत्या तक का अंदेशा जताया. उस वक्त दिव्या के पति साजिद पर भी उंगिलया उठीं. और इन्ही सब कयासों के साथ पुलिस ने दिव्या भारती की संदिग्ध और रहस्मयी मौत पर अपनी तहकीकात शुरू की.
19. आज भी दिव्या की मां से उनकी मौत से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं. दिव्या की मां के मुताबिक, मेरे को रिकवर होने में कम से कम 7-8 साल लगे. जहां जाती थी लोग सवाल पूछते थे...एक्सीडेंट है...मर्डर है?
20. उस समय ऐसी खबरें भी छपी जिसमें दिव्या की मौत में अंडरवर्ल्ड का हाथ होने शक जताया गया हालांकि पुलिस की तफ्तीश में ऐसा कुछ साबित नहीं हो सका.
21. करीब तीन साल की तहकीकात के बाद, 1998 में मुंबई पुलिस ने दिव्या भारती की मौत को दुर्घटना मानते हुए उनके केस की फाइल बंद कर दी. लेकिन दिव्या के परिवार और उनके लाखों फैन्स के मन में कई सवाल रह गए.
22. दिव्या भारती की मौत से जुड़े कई सवालों के जवाब नहीं मिले लेकिन आज दिव्या के माता-पिता अब उन सवालों के जवाब जानना भी नहीं चाहते. दिव्या की मां के मुताबिक, नहीं हमें पता नहीं चलना चाहिए कि क्या हुआ उस रात...पता चलेगा तो और दुख होगा.
23. केस खत्म होने से हादसे के जख्म खत्म नहीं हुए. दर्द खत्म नहीं हुआ. उस हादसे को याद करके दिव्या की मां ने हमें एक अजीब बात भी बताई...जिसके मुताबिक उन्हे दिव्या के साथ ऐसी दुर्घटना का अंदाजा पहले से था. दिव्या की मां ने बताया कि उसकी जन्म कुंडली में लिखा था बाल मृत्यु अरिष्ट.
24. दिव्या की मौत के कुछ साल बाद साजिद ने दूसरी शादी कर ली. दिव्या के माता-पिता आज भी साजिद और उनकी पत्नी वर्धा के बेहद करीब हैं. दिव्या के पिता के मुताबिक, साजिद के साथ बहुत अच्छा रिश्ता है.
25. जिस वक्त दिव्या की मौत हुई उस वक्त वो कई बड़ी फिल्में कर रही थी...उन्हीं में से एक फिल्म थी लाडला. दिव्या की इस फिल्म को बाद में श्रीदेवी ने किया और ये फिल्म काफी कामायब रही. दिव्या भारती लाडला जैसी कई फिल्में भले नहीं कर पाई थी लेकिन उन्होंने कई ऐसी फिल्में की..कई ऐसे किरदार निभाए जो आज भी उनके चाहने वालों को याद हैं और हमेशा याद रहेंगे.
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बॉलीवुड में दिव्या भारती जैसी शायद ही कोई हीरोइन रही हो जिसने करियर के पहले साल में ही 12 फिल्में कीं, जबरदस्त हिट हुई, लेकिन दूसरे ही साल मौत को गले लगा कर चली गई। इनका नाम आते ही 'ऐसी दीवानगी' और 'सात समंदर' याद आता है। 25 फरवरी 1974 को जन्मी दिव्या आज अगर होतीं तो 42 साल की हो गई होतीं। लेकिन 19 साल की कम उम्र में ही वे चल बसीं और मौत की वजह आज तक साफ नहीं हो पाई।
दिव्या को दीवाना के लिए लक्स न्यू फेस ऑफ द ईयर अवार्ड भी मिला। एक ही साल में दिव्या ने अपनी अच्छी खासी पहचान बना ली थी।
1993 में दिव्या की सिर्फ तीन ही हिंदी फिल्में रिलीज हो पाईं। ये थीं क्षत्रीय, रंग और शतरंज। ऐसा इसलिए क्योंकि ये दिव्या की जिंदगी का अंतिम साल था। 5 अप्रेल 1993 को अंतिम सांस लेने वाली दिव्या ने सुहागन ही दम तोड़ा क्योंकि उससे ठीक एक साल पहले ही तो उनकी शादी हुई थी।
दिव्या भारती जब शोला औऱ शबनम की शूटिंग कर रही थीं तब फिल्म के हीरो गोविंदा ने उन्हें निर्देशक-निर्माता साजिद नाडियाडवाला से मिलवाया था। दोनों में प्यार हुआ और शादी करने का फैसला कर लिया। दिव्या ने इस्लाम धर्म कबूला और 10 मई 1992 को शादी कर ली। कुछ का तो ये तक कहना था कि दिव्या की आक्समिक मौत के पीछे साजिद का हाथ था! क्या हुआ था 5 अप्रेल की रात, जानिए।
दिव्या की अचानक हुई मौत के पीछे कई अटकलें लगाई गईं। कईयों ने इसे आत्महत्या बताया, कुछ ने एक्सीडेंट तो कुछ ने पति को जिम्मेदार बताया। एक वजह ये भी बताई गई कि साजिद के अंडरवर्ल्ड से रिश्ते होने की बात से दिव्या परेशान रहती थीं। उनकी मां के साथ भी उनकी अनबन रहती थी। रिश्तों से हार चुकी दिव्या ने मौत को ही आखिरी रास्ता चुना।
कई सालों तक तहकीकात करने के बावजूद पुलिस नजीते पर नहीं पहुंच पाई और 1998 में ये केस बंद कर दिया गया। लेकिन क्या हुआ था उस रात, कैसे हुई दिव्या की मौत और चंद घंटों पहले तक क्यों इतनी खुश थी दिव्या?
अपनी मौत वाले दिन ही दिव्या ने मुंबई में ही अपने लिए नया 4 बीएचके का घर खरीदा था और डील फाइनल की थी। दिव्या ने ये खुशखबरी अपने भाई कुणाल को भी दी थी। दिव्या उसी दिन शूटिंग खत्म कर के चेन्नई से लौटी थीं। उनके पैर में भी चोट थी।
रात के करीब 10 बजे होंगे जब मुंबई के पश्चिम अंधेरी, वरसोवा में स्थित तुलसी अपार्टमेंट के पांचवें माले पर उनके घर में उनकी दोस्त और डिजाइनर नीता लुल्ला अपने पति के साथ उनसे मिलने आई हुई थीं। तीनो लिविंग रूम में बैठे बातों में मस्त थे औऱ मदिरापान चल रहा था। साथ ही दिव्या की नौकरानी अमृता भी बातचीत में हिस्सा ले रही थी। किसे पता था इसके चंद मिनटों बाद ऐसी दुर्घटना घट जाएगी।
रात के करीब 11 बज रहे थे। अमृता किचन में कुछ काम करने गईं, नीता अपने पति के साथ टीवी देखने में व्यस्त थीं। इसी वक्त दिव्या कमरे की खिड़की की तरफ गईं और वहीं से तेज आवाज में अपनी नौकरानी से बातें कर रही थीं। दिव्या के लिविंग रूम में कोई बालकनी नहीं थी लेकिन इकलौती ऐसी खिड़की थी जिसमें ग्रिल नहीं थी। उसी खिड़की के नीचे पार्किंग की जगह थी जहां अकसर खई गाड़ियां खड़ी रहती थीं।
उसी दिन वहां कोई गाड़ी नहीं खड़ी थी। खिड़की पर खड़ी दिव्या ने मुड़ कर सही से खड़े होने की कोशिश कर रही थीं कि तभी उनका पैर फिसल गया। दिव्या सीधे नीचे जमीन पर जाकर गिरीं। पांचवे माले से गिरने के कारण दिव्या पूरी तरह खून में लतपत थीं। उन्हें तुरंत ही कूपर अस्पताल ले जाया गया। लेकिन अफसोस कि तब तक देर हो चुकी थी। अस्पताल के एमर्जेंसी वार्ड में दिव्या ने दम तोड़ दिया।
पांच साल तक इंवेस्टीगेशन करने के बावजूद पुलिस को कोई ठोस वजह नहीं पता चली। नतीजतन, पुलिस ने रिपोर्ट में नशे में बालकनी से गिरने को ही कारण बताया। ये गुत्थी आजतक सुलझ नहीं पाई है कि दिव्या की मौत हत्या थी या आत्महत्या। अगर वे दुखी थीं तो अपने लिए घर क्यों खरीदा? क्या वाकई उनके पति की कोई साजिश थी? जो भी हो, दिव्या सबके दिलों में आज भी बसती हैं।
दिव्या भारती का जन्म मुम्बई में ओम प्रकाश भारती के घर में हुआ, जो एक बीमा अधिकारी थे और उनकी पत्नी का नाम मीता भारती था। दिव्या भारती के अपने पिता की पहली शादी से हुयी संतान थी उन्हें और एक छोटा भाई कुणाल और एक छोटी बहन पूनम हैं। अपने शुरुआती वर्षों में, दिव्या भारती अपने चुलबुले व्यक्तित्व के लिए जानी जाती थी और सब लोग उन्हें गुड़िया कहते थे।
दिव्या भारती की जीवन की कहानी – Divya Bharti Biography
Divya Bharti
दिव्या भारती करियर – Divya Bharti Career
दिव्या भारती ने बहुत छोटी उम्र में फिल्मों में कैरियर की शुरुआत की, और 14 साल की उम्र में उनकी प्रयास शुरू हो गये। कई असफल प्रयासों के बाद, उन्होंने 16 वर्ष की उम्र के सफल तेलुगु फिल्म “बोब्बिली राजा” से सन् 1990 में की। शुरुआती समय में भारती को कम महत्व वाली भूमिकाएँ दी जाती थीं। फ़िल्मी सफर में उन्हें सफलता हिंदी फिल्म विश्वात्मा से मिली। इसी फिल्म के “सात समुन्दर पार गाने” से उन्हें एक अलग पहचान मिली।
दिव्या भारती ने क्रमशः “शोला और शबनम” और “दीवाना” जैसे फिल्मों में शाहरुख़ खान, गोविंदा और ऋषि कपूर जैसे प्रशंसनीय अभिनेताओं के साथ सफलता हासिल की; जिसके बाद में सर्वश्रेष्ठ महिला पदार्पण के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। उन्होंने 1992 और 1993 के बीच 14 से अधिक हिंदी फिल्मों में अभिनय किया, जिसका हिंदी सिनेमा में कभी ना तुटनेवाले रिकॉर्ड बना गए।
उनकी अंतिम पूरी की हुई फिल्में सह अभिनेता कमल सदानाह के साथ “रंग”, और अभिनेता जैकी श्रॉफ के साथ “शतरंज”, जिन्हें दिव्या भारती के मृत्यु के बाद रिलीज किया गया।
दिव्या भारती को अपने सम्पूर्ण करियर में कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ा, उन्होंने खुद को ढूंढा और स्वयं का बॉलीवुड में एक सफल मुकाम बनाने में कामयाब भी रहीं। लेकिन 1993 में हुई उनकी रहस्मयी मृत्यु से उनका करियर भी समाप्त हो गया।
दिव्या भारती व्यक्तिगत जीवन – Divya Bharti Personal Life
शोला और शबनम की शूटिंग में गोविंदा के माध्यम से दिव्या भारती की मुलाकात साजिद नाडियादवाला से हुईं और जल्द ही दोनों एक दूसरे के साथ प्यार में पड़ गए। 10 मई 1992 को दिव्या भारती ने नाडियाडवाला से शादी की। उन्होंने अपने विवाह के बाद इस्लाम धर्म को कबूल किया और उसका नाम दिव्या भारती से बदल कर साना नाडियाडवाला हो गया।
दिव्या भारती की मृत्यु – Divya Bharti Death
5 अप्रैल 1993 को, लगभग रात के 11 बजे, दिव्या भारती, मुंबई के वर्सोवा के अपने तुलसी अपार्टमेंट के पांचवें मंजिल की बालकनी से गिर गई। उन्हें कूपर अस्पताल में एक आपातकालीन विभाग में ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया।
मृत्यु के तत्काल कारण सिर के पीछे भारी चोट और ज्यादा रक्तस्राव बताया गया और लेकिन मीडिया ने कई कारणों को परिचालित किया था, जिसमें शराब के प्रभाव में गिरने, किसी के द्वारा, आत्महत्या, और उनके पति का अंडरवर्ल्ड माफिया के साथ भागीदारी यह बात का सदमा ये सब शामिल हैं। जांच 1998 में मुंबई पुलिस ने की थी और मृत्यु के कारण आकस्मिक मृत्यु के रूप में बताया गया था लेकिन उनकी मृत्यु का असली कारण आज भी रहस्य बना हुआ हैं । 7 अप्रैल 1993 को मुंबई में विले पार्ले श्मशान में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
दिव्या भारती की पूरी फिल्मों में से दो रंग और शतरंज उनकी मृत्यु के कई महीनों बाद रिलीज हुईं। जब उनकी मृत्यु हुई तब उन्होंने अनिल कपूर के साथ फ़िल्म “लाडला” के आधे से ज्यादा भाग को चित्रित किया था। लेकिन बाद में श्रीदेवी को उनकी भूमिका में पुनः किया गया।
उन्हें कई अन्य फिल्मों में जगह दी गई थी, जिसने उन पर मोहो, करर्तव्य, विजयापथ और आंदोलन जैसे हस्ताक्षर किए थे। उनकी अपूर्ण तेलुगू फिल्म थॉली मुंधु का आंशिक रूप से भारतीय अभिनेत्री रंभा ने पूरा किया था, जो थोड़ी थोड़ी दिव्या भारती के समान थी और इसलिए उनके लिए फिल्म के कुछ दृश्यों को पूरा किया।
दिव्या भारती के जीवन के आधार पर एक फिल्म, “लव बिहंड द बॉर्डर पाइप” लाइन में थी, लेकिन कभी नहीं बनाई गई थी।
चाहे दिव्या भारती आज हमारे बिच में नहीं रही फिर भी वो आज भी अपने चाहतों के दिलो पर राज कर रही हैं।
दिव्या भारती की फिल्में – Divya Bharti Movies
Bobbili Raja (Telugu) – 1990
Vishwatma – 1992
Shola Aur Shabnam – 1992
Dil Ka Kya Kasoor – 1992
Deewana – 1992
Geet – 1992
Jaan Se Pyaara – 1992
Dil Aashna Hai – 1992
Balwaan – 1992
Rang – 1993
Kshatriya – 1993
vastu for home plan
vastu shastra home design